Barsana

यहाँ हम सब की लाड़ली और श्री कृष्ण की प्रिय , उनकी प्राण आत्मा श्री राधा रानी का महल पहाड़ों पर स्थित है | यहाँ श्री राधा रानी ने अपने पिता ब्रसभाणु और माता कीर्ति एवं अपनी अष्ठ सखियों ( ललिता , विशाखा , चित्रा , इन्दुलेखा , चंपकलता , सुदेवी , तुंग विध्या, रंगदेवी ) के साथ अपना जीवन व्यतीत किया | शास्त्रों के अनुसार श्री राधा रानी जी को हिन्दुओ की देवी माता लक्ष्मी के रूप में माना जाता है , और यह श्री कृष्ण का स्त्री रूप और आत्मिक शक्ति है | श्री राधा रानी जी का वर्णन मूल प्रकृति में भी उच्चतम स्थान पर रखा गया है |

यह मन्दिर कलयुग में इसलिए भी प्रसिद्ध है क्युकी कहा जाता है कि श्री कृष्ण कंश का वध करने के बाद ब्रज छोड़ गुजरात में द्वारकाधीश बन गये परन्तु श्री राधा रानी यहीं ब्रज में रह गयीं | समस्त हरिभक्त की आस्था और विश्वास है कि श्री राधा रानी ब्रज के कण कण में वास करती हैं | इसलिए प्रत्येक कृष्ण भक्त श्री कृष्ण के दर्शन करने के बाद बरसाने श्री राधा रानी के दर्शन करने जाते हैं | हमारे सनातन में श्री कृष्ण और श्री राधा रानी के प्रेम को एक सास्वत प्रेम की परिभाषा दी गयी है और कई संतों एवं सम्प्रदायों ने इस प्रेम को अखण्ड , अनंत और अविनाशी  प्रेम रूप में सम्मान दिया है |

 

Unknown facts :- आज भी कई लोग ऐसा मानते हैं की राधा रानी का जन्म स्थान बरसाना है परन्तु राधा रानी जी का जन्म गोकुल के निकट रावल गाँव में हुआ था | श्री कृष्ण की उपाधि श्री कृष्ण के नाम से नहीं बल्कि श्री राधा रानी जी के नाम से जानी जाती है | लोग श्री कृष्ण को  राधाबल्लभ एवं राधारमण के नाम से भी जानते हैं | और दूसरी तरफ बलराम जी को रेवती रमण के नाम से जाना जाता है | सभी ब्रजवासी बलराम जी को दाऊ बाबा के नाम से भी बुलाते हैं | श्री राधा रानी जी का जन्म हर साल भाद्रपद शुक्लपक्ष की अष्ठमी को भक्तगण राधा अष्ठमी के नाम से मनाते हैं | राधा रानी जी की प्रिय सखी श्री ललिता जी हैं |

Here the palace of our beloved and beloved of Shri Krishna, his life’s soul, Shri Radha Rani is situated on the mountains.  Shri Radha Rani spent her life with her father Brasbhanu and mother Kirti and her eight friends (Lalita, Vishakha, Chitra, Indulekha, Champakalata, Sudevi, Tung Vidya ,Rangdevi) here. According to the scriptures, Shri Radha Rani is considered as an incarnation of goddess Mata Lakshmi and also Shree Krishna’s female form and his spiritual power. The description of Shri Radha Rani is also placed at the highest in the original nature. This temple is also famous in Kalyug because it is said that after killing Kansa, Shri Krishna left Braj to become Dwarkadish in Gujarat, but Shri Radha Rani stayed here in Braj. All Hari devotees have faith and a belief that Shri Radha Rani resides in every particle of Braj. Therefore, every Krishna devotee visits Barsana to see Shri Radha Rani after seeing Shri Krishna. In our Sanatan dharma, the love of Shri Krishna and Shri Radha Rani has been defined as epitome of eternal love and many saints and sects have respected this love as unbroken , endless and eternal.

 

Unknown facts: – Even today many people believe that the birthplace of Radha Rani is Barsana but Radha Rani was born in Rawal village near Gokul. Shri Krishna is not only known by the title of Shri Krishna but also by the name of Shri Radha Rani. People  know Shri Krishna by the name of Radhaballabh and Radharaman. On the other hand, Balram ji is known by the name of Revati Raman and the name of Dauji Baba, as proclaimed in Braj. Shri Radha Rani ji’s birth is celebrated by devotees every year on the Ashtami of Bhadrapada Shukla Paksha as “Radha Ashtami”. Shri Radha Rani’s favorite friend is Shri Lalita ji.

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